साथ है तो सशक्त है जुड़ेंगे तो बढ़ेंगे
उद्देश्य
भामा सेना दानवीर भामाशाह के जीवन से प्रेरित होकर “साथ है तो सशक्त है जुड़ेंगे तो बढ़ेंगे” के समभाव से वैश्य समाज के अंतर्गत आने वाले सभी जनमानस की जरूरी आर्थिक, सामाजिक एवं विभिन्न प्रकार की सहायता हेतु बनाई गई टीम है।
इस टीम का उद्देश्य समाज के सामान्य व गरीब नागरिक की आकस्मिक मृत्यु पर उनके परिवारों/आश्रितों को आर्थिक सहायता प्रदान करना, बेटियों की शादी में सहयोग करना, गंभीर बीमारी में उपचार हेतु मदद करना, पढ़ाई लिखाई हेतु सहायता करना, रक्तदान शिविरों का आयोजन करना, रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना तथा विभिन्न सामाजिक सेवा के कार्यक्रमों का आयोजन करना है।
एकता के सूत्र में वैश्य समाज
वैश्य समाज की सभी उपजातियों के बीच हो बेटी-रोटी का संबंध” यह बाते हम अक्सर अपने समाज की बैठकों और सम्मेलनों में सुनते रहते है लेकिन इसके लिए आज तक वास्तविक रूप से ज़मीन पर कोई प्रभावी पहल नहीं की गयी लेकिन “भामा सेना” प्रत्येक बाज़ार और गाँव स्तर पर शादी करने योग्य वर और वधू और उनके परिवार को वैश्य समाज के सभी उपवर्गों में विवाह करने के लिए प्रोत्साहित करेगा और डिजिटल माध्यम से भी लोग आसानी से एक दूसरे से संपर्क कर सके इसके लिए भी प्रयास करेगा।जिससे समाज के बच्चो का विवाह सही समय पर हो सके और समाज अलग अलग उपवर्गों में बटने न पाए।
भामाशाह
संवर्ग उन व्यक्तियों के लिए है जो भामा सेना की मूल भावना से प्रेरित होकर सामाजिक कार्यों में भाग लेना चाहते हैं। ये सदस्य संस्था द्वारा आयोजित विभिन्न सेवा कार्यों जैसे कि ज़रूरतमंदों को आर्थिक सहायता, शिक्षा में सहयोग, रक्तदान, स्वास्थ्य सेवाएं और बेटियों की शादी में मदद जैसे अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। यह संवर्ग समाज की जड़ों से जुड़ा हुआ है और संगठन की नींव को मजबूत करता है। ऐसे सदस्य अपने सहयोग और सेवा के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करते हैं।
भामाशाह विशेष
संवर्ग उन सम्माननीय व्यक्तियों के लिए है जो न केवल संस्था से गहराई से जुड़ना चाहते हैं बल्कि विशेष योगदान देकर नेतृत्व की भूमिका निभाना चाहते हैं। यह वर्ग संगठन को वित्तीय सहयोग, मार्गदर्शन, नीति निर्धारण और विस्तार योजनाओं में अहम भूमिका निभाते हैं। ये सदस्य संस्था के लिए प्रेरणास्त्रोत होते हैं जो निःस्वार्थ सेवा, उदारता और दानवीरता की भावना को जीते हैं। भामाशाह विशेष संवर्ग सामाजिक परिवर्तन के वाहक होते हैं और संगठन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं।
हमारे प्रेरणास्रोत
सियाराम ऊमर वैश्य जी हमारे प्रेरणास्रोत है जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में हुआ।उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए अपने जीवन की गाढ़ी कमाई का एक करोड़ इक्कीस लाख का दान किया था। इसके पहले उन्होंने प्रतापगढ़ के सगरा में तीन बीघे जमीन विद्यालय के लिए दान दी थी। सियाराम ऊमर वैश्य ने न सिर्फ समाज बल्कि पूरे प्रदेश का भी गौरव बढ़ाया है। वह समाज के पुरोधा हैं। इनका योगदान समाज में युगों-युगों तक याद किया जाएगा।

विवाह हेतु रजिस्ट्रेशन
वैश्य समाज के सभी उपवर्गों में अपने लिए योग्य जीवनसाथी की खोज शुरू करे-भरोसे और गरिमा के साथ


वैवाहिक संपर्क फॉर्म
भामा सेना – सेवा, सहयोग और समर्पण का संकल्प
भामा सेना दानवीर भामाशाह के जीवन से प्रेरित होकर “साथ है तो सशक्त है जुड़ेंगे तो बढ़ेंगे” के समभाव से वैश्य समाज के अंतर्गत आने वाले सभी जनमानस की जरूरी आर्थिक, सामाजिक एवं विभिन्न प्रकार की सहायता हेतु बनाई गई टीम है।
इस टीम का उद्देश्य समाज के सामान्य व गरीब नागरिक की आकस्मिक मृत्यु पर उनके परिवारों/आश्रितों को आर्थिक सहायता प्रदान करना, विभिन्न उपवर्गों में बंटे वैश्य समाज को बेटी रोटी का संबंध बनाये जाने हेतु विशेष सहयोग व प्रोत्साहन प्रदान करना एवं बेटियों की शादी में सहयोग,गंभीर बीमारी में उपचार हेतु मदद करना, पढ़ाई लिखाई हेतु सहायता करना, रक्तदान शिविरों का आयोजन करना, रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना तथा विभिन्न सामाजिक सेवा के कार्यक्रमों का आयोजन करना है।